किसी खास सेक्टर में निवेश कर ग्रोथ का उठाना चाहते हैं फायदा, तो ये रहा टॉप सेक्टोरल म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड बाजार में कई तरह के निवेशक मौजूद हैं, कुछ निवेशक सेक्टर म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं, अगर आप भी उनमे से हैं तो हाल फ़िलहाल में टॉप परफॉर्म करने वाले म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं, हालांकि यह बात भी सत्य है की फंड्स के पिछले प्रदर्शन को देखकर निवेश का फैसला नहीं लेना चाहिए.

परन्तु अगर फंड्स सलेक्शन प्रोसेस की बात करें तो फंड्स का पिछला प्रदर्शन बहुत मायने रखता है, यहाँ पिछले 5 सालों में अच्छा परफॉर्म करने वाले सेक्टोरल/थीमैटिक म्यूचुअल फंड योजनाओं के बारे में बताया गया है, सेक्टोरल/थीमैटिक फंड की बात ककरें तो सेबी गाइडलाइन के अनुसार पूंजी का 80 फीसदी हिस्सा किसी खास सेक्टर या थीम में निवेश करना होता है.

सेक्टोरल/थीमैटिक म्यूचुअल फंड

बाजार में 183 सेक्टोरल म्यूचुअल फंड योजनाएं हैं, पिछले महीने इन योजनाओं में 13,255 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, वहीँ इन योजनाओं का कुल संपत्ति प्रबंधन साइज 4,67,188 करोड़ रुपये है, जोकि इक्विटी फंड्स के अन्य कैटेगरी की तुलना में सबसे अधिक है.

यहाँ टॉप परफॉर्म करने वाले सेक्टोरल थीमैटिक म्यूचुअल फंड योजनाओं के बारे में बताया गया है, इन योजनाओं ने 18 अक्टूबर तक 5 साल के रिटर्न डेटा पे कमाल का परफॉर्म किया है. इन योजनाओं में – आईटी, इंफ़्रा, स्वास्थ्य सेवा, एनर्जी और मैनुफेक्चरिंग जैसे क्षेणी शामिल है.

टॉप रिटर्न सेक्टोरल/थीमैटिक म्यूचुअल फंड

  • Quant Infrastructure Fund : 36.11 प्रतिशत रिटर्न
  • ICICI Prudential Commodities Fund : 32.63 प्रतिशत रिटर्न
  • ICICI Prudential Infrastructure Fund : 32.16 प्रतिशत रिटर्न
  • DSP Healthcare Fund : 32.35 प्रतिशत रिटर्न
  • Bandhan Infrastructure Fund : 31.12 प्रतिशत रिटर्न
  • Nippon India Power & Infra Fund : 31.30 प्रतिशत रिटर्न
  • Invesco India Infrastructure Fund : 31.70 प्रतिशत रिटर्न

जोखिम भरा है सेक्टोरल/थीमैटिक म्यूचुअल फंड में निवेश

एक्सपर्ट की माने तो सेक्टोरल/थीमैटिक म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह उन निवेशकों को दिया जाता है जो उच्च जोखिम ले सकते हैं, इसके अलावा सलाहकार इस कैटेगरी में पोर्टफोलियो का 20 फीसदी हिस्सा ही निवेश करने का सलाह देते हैं.

यहाँ कीसी तरह से निवेश की सलाह नहीं दी गयी है, जरुरी नहीं है की फंड्स अपना रिटर्न इतिहास दोहराये, इसलिए निवेश से पहले अपने जोखिम क्षमता का आंकलन करें और विषेशज्ञों से राय लेकर निवेश करें.

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